इस बार दो श्रावण:बारिश की दस्तक के बीच महाकाल मंदिर परिसर के आंतरिक निर्माण आधे-अधूरे

दो श्रावण और बारिश की दस्तक के बीच में महाकाल मंदिर परिसर में किए जा रहे निर्माण कार्यों को पूरा किया जाना डबल चुनौती बन गया है। मंदिर परिसर के आंतरिक निर्माण आधे-अधूरे ही हैं। ऐसे में श्रावण में आने वाले करीब तीन लाख श्रद्धालुओं के लिए बेहतर इंतजाम किए जाना चुनौती से कम नहीं होगा। अब तक करीब 50 से 60 प्रतिशत ही आंतरिक व ब्राह्य निर्माण कार्य पूरे हो पाए हैं। टारगेट के तहत कार्य पूरा करने की जल्दबाजी का असर भी निर्माण कार्यों पर पड़ रहा है। ऐसे में यह अंदेशा भी बना हुआ है कि महाकाल लोक फेज-1 की तरह ही महाकाल फेज-2 के निर्माण कार्यों के भी हाल न हो जाए।

इसकी बड़ी वजह यह है कि जुलाई तक टारगेट के तहत कार्य पूर्ण करने के लिए आर्किटेक्ट, इंजीनियर्स व अधिकारी ठेका कंपनियों से डबल शिफ्ट में कार्य करवा रहे हैं। इसका असर यह हो रहा है कि निर्माण कार्यों की प्रॉपर मॉनिटरिंग नहीं हो पाने और मिस मैनेजमेंट की स्थिति बन रही है। तकनीकी रूप से भी रात में सिविल वर्क करवाया जाना ठीक नहीं माना जा रहा है।

इसमें कार्य की गुणवत्ता पर भी असर हा़े रहा है। मंदिर के आंतरिक कार्यों को लेकर इंजीनियर्स, ऑफिसर व ठेका कंपनियों के बीच में तालमैल नहीं बैठ पा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जल्दबाजी में कार्यों को पूर्ण करवाया जाना तकनीकी रूप से ठीक नहीं है। इसमें बड़े और चुनौती पूर्ण कार्यों में ठेका कंपनियों ने असमर्थता भी जता दी है फिर भी स्मार्ट सिटी के अधिकारी कार्य पूरा करने का दबाव बना रहे हैं।

ब्रिज निर्माण- रुद्रसागर पर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। जो कि अक्टूबर-नंवबर-2023 तक ही पूरा हो पाएगा। ठेका कंपनी ने ही जुलाई तक कार्य पूरा हो पाने में असमर्थता जता दी है।

शिखर दर्शन- बड़े गणेश मंदिर के सामने की ओर महाकाल मंदिर के शिखर दर्शन का कार्य अभी आरसीसी स्तर का चल रहा है। जिस पर करीब 8 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अभी यह कार्य करीब 50 प्रतिशत तक हो पाया है।

सरफेस पार्किंग- सरस्वती स्कूल के समीप सरफेस पार्किंग का निर्माण चल रहा है। करीब 30 करोड़ की लागत से किए जाने पार्किंग में प्लास्टर का कार्य चल रहा है। यह भी जुलाई तक पूरा होने में संदेह है।

नीलकंठ वन व हेरिटेज बिल्डिंग- शुरूआती कार्य होने के बाद अब यह कार्य बंद पड़ा हुआ है। करीब 5-6 करोड़ के लागत से यह कार्य पूर्ण किया जाना है। महाराजवाड़ा स्कूल में बनाए जा रहे हेरिटेज बिल्डिंग का काम पेमेंट के इशू के चलते बंद पड़ा है।

एंट्री व एक्जिट- महाकाल मंदिर के मुख्य द्वार पर वर्तमान में एंट्री-एक्जिट का कार्य चल रहा है जो कि बिल्डिंग में फिनिशिंग तक पहुंच गया है। यह कार्य करीब 6-7 करोड़ में किया जाना है।

सड़क निर्माण- बड़ा गणेश के पीछे की ओर सहित चार सड़कों का निर्माण करीब 15 से 18 करोड़ से किया जा रहा है। कार्य स्लो होने से श्रावण में श्रद्धालुओं को आवागमन में मुश्किल होगी।

क्वालिटी व प्रोग्रेस पर ध्यान दे रहे
“टारगेट के तहत ही महाकाल क्षेत्र में निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं। जिसमें कुछ काम डबल शिफ्ट में भी हो रहे हैं, जिसमें क्वालिटी और प्रोग्रेस का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।”

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